भारी बर्फबारी के कारण काशीपुर - बुआखाल हाईवे अवरुद्ध सैकड़ों यात्री दो दिन से फंसे..........


धुमाकोट और बीरोंखाल की पहाड़ियों पर हुई भारी बर्फबारी से काशीपुर-बुआखाल हाईवे दो दिन से अवरुद्ध पड़ा है, जिससे बैजरों और धुमाकोट के बीच एक बरात की बस सहित सैकड़ों वाहन फंसे हुए हैं। ऐसे में सवारियों ने शुक्रवार की पूरी बर्फीली रात भूखे-प्यासे वाहनों में ही बिताई। भारी बर्फ होने के कारण सड़क शनिवार शाम तक भी यातायात के लिए नहीं खुल पाई है। कुछ लोगों ने पास के गांवों में शरण ली हुई है। बृहस्पतिवार शाम से हो रही बर्फबारी से काशीपुर-बुआखाल नेशनल हाईवे दीवाखाल से कोठिला तक करीब पांच किमी अवरुद्ध हो गया है। दीवा के पास दोनों ओर सैकड़ों वाहन जगह-जगह फंसे हुए हैं। शनिवार दोपहर 24 घंटे से अधिक समय बीतने के बावजूद शासन-प्रशासन और लोनिवि मार्ग नहीं खोल पाया है।एक बरात जयपुर से बृहस्पतिवार को क्षेत्र के शिशई गांव आई थी और शुक्रवार दिन में दुल्हन लेकर लौट रही थी, लेकिन बर्फबारी की वजह से हाईवे बंद होने से दूल्ह-दुल्हन सहित पूरी बरात भटवाणों बैंड के पास फंस गई। ऐसे में लोगों को पूरी रात भूखे-प्यासे वाहनों में ही बितानी पड़ी। मार्ग पर बरात के वाहनों के अलावा कई पर्यटकों व स्थानीय लोगों के वाहन भी फंसे हुए हैं। लोनिवि बैजरो की ओर से बर्फ हटाने के लिए जेसीबी लगाई गई है, लेकिन पांच किमी के पैच में भारी बर्फ हटाने में दिक्कत हो रही है।



 


बर्फबारी व अधिकारियों की लापरवाही, बरातियों पर पड़ी भारी



थलीसैण में शुक्रवार शाम को देहरादून से एक बरात थलीसैंण ब्लाक के पोखरी गांव लौट रही थी। भारी बर्फबारी के चलते बरातियों के वाहन घनियाखाल व वेदीखाल के बीच फंस गए। इस दौरान किसी बराती ने पंजाब स्थित अपने परिजन को मोबाइल फोन पर बर्फ में फंसे होने की सूचना दी। पंजाब के उक्त परिजन ने बरात के फंसे होने की सूचना थलीसैंण मटगलगांव निवासी दूल्हे के रिश्तेदार धनेश्वर धस्माना को दी। धनेश्वर ने बताया कि उन्होंने लोनिवि बैजरों के अधिशासी अभियंता को फोन किया।उनका फोन स्विच आफ होने पर उन्होंने एनएच खंड धुमाकोट व आपदा कंट्रोल रूम में किया, लेकिन कहीं से कोई मदद नहीं मिली। ऐसे में दूल्ह-दुल्हन सहित बरातियों को पूरी रात भूखे-प्यासे ही वाहनों में गुजारनी पड़ी। धनेश्वर ने बताया कि शुक्रवार देरशाम को बिजोरापानी में सड़क अवरुद्ध होने से एसडीआरएफ की टीम भी लौट गई थी।शनिवार सुबह करीब 11 बजे राजमार्ग से बर्फ व गिरे पेड़ों को हटाया गया, जिसके बाद आवाजाही शुरू हो पाई। वहीं, सतपुली-पोखड़ा-बैजरों मोटर मार्ग पर किमगड़ी गांव की बरात भी फंसी रही। हालांकि परिजनों के सहयोग से बरातियों को घनियाखाल व बेदीखाल में ठहराया गया। पूर्व प्रमुख पोखड़ा सुरेंद्र सिंह रावत ने बताया कि शनिवार को मोटर मार्ग पर यातायात सुचारु होने के बाद बरात किमगड़ी को रवाना हुई। 

छह अधिकारियों का जवाब तलब

बुआखाल-रामनगर राष्ट्रीय राजमार्ग सहित अन्य मोटर मार्गों के बंद होने व बरातियो के फंसे होने पर डीएम धीराज सिंह गर्ब्याल ने लोनिवि एनएच खंड धुमाकोट के अधिशासी अभियंता, अपर सहायक अभियंता, लोनिवि पाबौ व बैजरों के अधिशासी अभियंता व अपर सहायक अभियंता का जवाब तलब किया है।