पबजी को ब्लू व्हेल की तरह घातक बताते हुए इसे बैन करने की मांग वाली याचिका का निपटारा करते हुए हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को इस पर बैन को लेकर निर्णय लेने का आदेश दिया है। याचिकाकर्ता एचसी अरोड़ा ने हाईकोर्ट को बताया कि यह गेम ऐसा है, जो बच्चों को अपना आदी बना लेता है। बच्चे कई-कई घंटे इसको खेलते रहते हैं और इसी वजह से उनका शारीरिक और मानसिक विकास धीमा हो जाता है। बच्चे दिन में चार से पांच घंटे तक इस गेम को खेलते हुए बिताते हैं जिसके कारण वे समाजिक रूप से एक्टिव कम ही रहते हैं। इसके साथ ही याची ने कहा कि इस गेम में हथियारों से लैस खिलाड़ी होते हैं जो हिंसक रूप से एक दूसरे पर हमला करते हैं जिसके कारण बच्चों के बीच हिंसक प्रवृत्ति बढ़ती है। इस गेम के कैरैक्टर को खुद में महसूस करने लगते हैं और इसी वजह से इमोशनल रूप से उससे जुड़ जाते हैं। ऐसे कई मामले सामने आए हैं जब गेम के दौरान कैरेक्टर की मौत हो जाने पर उससे लगे आघात से बच्चों की मौत हो गई है। ऐसे में इस गेम की तुलना ब्लू व्हेल गेम से करते हुए हाईकोर्ट से अपील की गई कि ब्लू व्हेल गेम की तरह इस गेम पर भी पूरी तरह से पाबंदी लगाई जानी चाहिए। हाईकोर्ट ने याचिका का निपटारा करते हुए केंद्र सरकार को याची द्वारा सौंपी गई रिप्रेजेंटेशन पर फैसला लेने के आदेश जारी कर दिया है।