श्री माता वैष्णो देवी दर्शनार्थियों के लिए एक अच्छी खबर है। अब वह भैरोघाटी दर्शन करने रोपवे (केबल कार) से जा सकेंगे। यह तोहफा 25 दिसंबर को मिलेगा। इस दिन रोपवे को यात्रियों को समर्पित किया जाएगा। रोपवे के शुरू होने श्रद्धालुओं को वैष्णो देवी के दरबार से भैरोनाथ (भैरो घाटी) मंदिर तक कठिन चढ़ाई से निजात मिल जाएगी।
रोपवे की इस यात्रा में प्रति यात्री 100 रुपया किराया लगेगा। श्रद्धालु मात्र तीन से चार मिनट में दरबार से सीधे भैरो घाटी पहुंच जाएंगे। इसमें प्रति एक घंटे में आठ सौ यात्रियों को भवन से भैरो मंदिर तक ले जाने की क्षमता होगी। एक बार में 42-45 यात्री जा सकेंगे।
यह योजना 75 करोड़ की लागत से चार वर्ष में पूरी हुई है। इसे स्विजरलैंड की गवर्नमेंट ऑफ एजी तथा दामोदर रोपवे के विशेषज्ञों और इंजीनियरों ने पूरा किया है। रोपवे को शुरू करने से एक दिन पहले फाइनल ट्रायल किया जाएगा। रोपवे के शुरू होने का वैष्णो देवी के यात्री बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। यह केबल कार विशेषकर दिव्यांग और बुजुर्ग श्रद्धालुओं के लिए वरदान साबित होगी। पौराणिक मान्यता है कि भैरव मंदिर में हाजिरी देने पर ही माता वैष्णो देवी की यात्रा पूर्ण मानी जाती है।
श्री माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड के सीईओ सिमरनजीत सिंह ने बताया कि 25 दिसंबर को रोपवे के शुरू होने के साथ भैरव मंदिर में श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी होगी। रोपवे को शुरू करने की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है। उद्घाटन पर बोर्ड के चेयरमैन व राज्यपाल सत्यपाल मलिक का आना प्रस्तावित है।
समुद्र तल से 6619 फीट की ऊंचाई पर वैष्णो देवी के भवन से करीब तीन किलोमीटर की सीधी और कठिन चढ़ाई करके भैरोनाथ के मंदिर में पहुंचा जाता है। इसमें पैदल और घोड़ों से यात्री और सामान ले जाया जाता है। भैरो घाटी की चढ़ाई वैष्णो देवी यात्रा में सबसे कठिन है। इसके कारण बड़ी संख्या में यात्री वैष्णो देवी के दर्शन करने के बाद लौट जाते हैं।