खबर ये है की आने वाले 29 अप्रैल 2020 को एक उल्कापिंड अंतरिक्ष से पृथ्वी की ओर आ रहा है। इस उल्कापिंड का नाम है 1998 OR2। यह 2.5 K.M -4.1 K.M तक के आकर का है। इसकी खोज 1998 में ही हो चुकी थी। 1998 से ही वैज्ञानिक इसको करीबी से समझते आये है। इसकी गति 54717 K.M/H है।
नासा के वैज्ञानिक "सेण्टर फॉर नियर-एअर्थ ओब्जेकी स्टडी" यानिकि 'CNEOS' कंपनी ने इस उल्कापिंड को "पोटेंटीली हज़ारदौस ऑब्जेक्ट" की काटेगोरी में रखा गया है। "पोटेंटीली हज़ारदौस ऑब्जेक्ट" ऐसे ऑब्जेक्ट्स को कहते है जिनका आकर 50 मीटर से ज्यादा होता है और वह हमारी पृथ्वी के काफी पास से निकलने वाले होते है।अब 1998 OR2 भी पृथ्वी के पास से गुजरने वाला हो तो वह पृथ्वी से टकरा सकता है। ये 150 किलोमीटर्स नहीं बल्कि 4 किलोमीटर्स का है। इसका एक ही टुकड़ा पूरी पृथ्वी से इंसानो को ख़तम करने की क्षमता रखता है।
1,00,000 करोड़ साल पहला एक ऐसा ही उल्कापिंड ने डायनोसौर्स को धरती से ख़तम कर दिया था। मगर में यह बताना चाता हु की यह उल्कापिंड पृथ्वी से नहीं टकरा पाए गए। यह पृथ्वी के करीब से ही निकल जाएगा। मगर सब ये कह रहे है की उल्कापिंड पृथ्वी के पास से गुज़रेगा लेकिन सवाल ये उठ ता है की यह उल्कापिंड पृथ्वी के कितने पास से गुज़रेगा ?
नासा के अनुसार एक "पोटेंटीली हज़ारदौस ऑब्जेक्ट" उसे कहता है जो पृथ्वी से 75,00,000किलोमीटर्स की दुरी से होता है और अगर बात करे उल्कापिंड 1998 OR2 की तो वह पृथ्वी से कम से कम 62,00,000 की दूरी से गुजरने वाला है। यदि तुलना की जाय तो चाँद धरती से 3,84,400 किलोमीटर्स दूर है हो इसे ये पता चलता है की ये उल्कापिंड 1998 OR2 धरती से 65,84,400 किलोमीटर्स की दूरी से गुज़रे गा।
इतना ही नहीं में ये भी कमाल की बात बताना चहाता हु की यह उल्कापिंड 4 किलोमीटर का है इस्ला यह हमें किसी भी आम टेलिस्कोप से या अपनी आँखो से भी देख सकते है अगर आपके वह प्रदूषण न हुआ तो क्युकी यह बहुत चमचदार होगा ।
कृपया इन अंतविश्वासो पर भरोसा न करे की 29 अप्रैल 2020 को धरती ख़तम हो जाएगी।